Friends

Friday 1 June 2012

तू मत देना कभी सकूं पीर तो है मेरे पास

तुम ना सही तुम्हारी तस्वीर तो है मेरे पास
ना दे साथ किस्मत तदवीर तो है मेरे पास

रख अपने पास मेरी रूह का अचार डालकर
चलती फिरती लाश सा शरीर तो है मेरे पास

ढूंढ़ लूँगा अपने ही गम में हंसी का बहाना
तू मत देना कभी सकूं पीर तो है मेरे पास

मुझे रुलाएगा भी और हंसायेगा भी वही
तेरी याद का इक फकीर तो है मेरे पास

सर कलम कर दूंगा बुरे ख्यालो का बेचैन
शेरो-शायरी की शमसीर तो है मेरे पास

No comments: